स्थानीय आदिवासी ज्ञान का कॉफी उत्पादन में योगदान

स्थानीय आदिवासी ज्ञान का कॉफी उत्पादन में योगदान

1. परिचय: देशज ज्ञान की अहमियतभारत के विविधतापूर्ण भूगोल और सांस्कृतिक धरोहर में स्थानीय आदिवासी समुदायों का स्थान अत्यंत महत्वपूर्ण है। इन समुदायों के पास अपनी भूमि, जलवायु और जैव…
शून्य रसायन आधारित खेती प्रणाली और भारतीय कॉफी बागानों में उसका प्रभाव

शून्य रसायन आधारित खेती प्रणाली और भारतीय कॉफी बागानों में उसका प्रभाव

1. परिचय: भारतीय कृषि में शून्य रसायन आधारित खेती का महत्वभारत एक कृषि प्रधान देश है, जहाँ सदियों से प्राकृतिक और टिकाऊ खेती की परंपराएं चली आ रही हैं। आज…
ऑर्गेनिक कॉफी उत्पादन बनाम पारंपरिक संपर्क: स्थायित्व की दिशा में एक कदम

ऑर्गेनिक कॉफी उत्पादन बनाम पारंपरिक संपर्क: स्थायित्व की दिशा में एक कदम

ऑर्गेनिक कॉफी उत्पादन का भारतीय सन्दर्भभारत की धरती पर कॉफी की खेती का इतिहास सदियों पुराना है। दक्षिण भारत के कुर्ग, चिकमंगलूर और वायनाड जैसे क्षेत्रों में पारंपरिक रूप से…
जलवायु परिवर्तन के प्रभाव और भारतीय किसानों की सस्टेनेबल रणनीतियाँ

जलवायु परिवर्तन के प्रभाव और भारतीय किसानों की सस्टेनेबल रणनीतियाँ

भारतीय कृषि पर जलवायु परिवर्तन का प्रभावभारत में जलवायु परिवर्तन के बदलते रुझान पिछले कुछ दशकों में स्पष्ट रूप से देखे जा सकते हैं। बढ़ती हुई औसत तापमान, अनियमित वर्षा,…
कंपोस्टिंग तकनीकें: भारतीय किसानों के लिए जैविक कचरे का पुनः उपयोग

कंपोस्टिंग तकनीकें: भारतीय किसानों के लिए जैविक कचरे का पुनः उपयोग

1. कंपोस्टिंग का महत्व और भारतीय सांस्कृतिक संदर्भभारत के कृषि समाज में कंपोस्टिंग का स्थान अत्यंत महत्वपूर्ण रहा है। पारंपरिक भारतीय किसान सदियों से जैविक कचरे का पुनः उपयोग करके…